WHO के मानकों के अनुसार गर्भ में शिशु का आदर्श वजन

गर्भावस्था के दौरान शिशु का वजन सही विकास का एक महत्वपूर्ण संकेतक होता है। हर माता-पिता के लिए यह जानना जरूरी होता है कि शिशु का वजन सामान्य है या नहीं, ताकि उन्हें सही समय पर जरूरी देखभाल और सुझाव मिल सकें। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा दिए गए मापदंड गर्भ में शिशु के वजन और विकास को समझने में मदद करते हैं। आइए जानें कि गर्भ में शिशु का वजन किस प्रकार होना चाहिए और यह गर्भावस्था के किस चरण में कितना होना चाहिए।

गर्भ में शिशु का आदर्श वजन: WHO के अनुसार

WHO के अनुसार, गर्भ में शिशु का वजन उसकी गर्भावस्था की अवधि और उसके शारीरिक विकास पर निर्भर करता है। नीचे विभिन्न चरणों के अनुसार शिशु के आदर्श वजन का एक सामान्य विवरण दिया गया है:

1. पहले तिमाही (0 से 12 सप्ताह)

पहली तिमाही में शिशु का विकास धीमी गति से होता है और इस समय उसका वजन बहुत कम होता है।

  • शिशु का वजन: पहले 12 सप्ताह तक शिशु का वजन 14 से 20 ग्राम के बीच होता है।
  • लंबाई: इस समय तक शिशु की लंबाई लगभग 5 से 7 सेंटीमीटर होती है।

2. दूसरे तिमाही (13 से 26 सप्ताह)

दूसरी तिमाही में शिशु का विकास तेज होता है। इस चरण में शिशु का वजन तेजी से बढ़ने लगता है और वह बाहरी दुनिया के लिए अधिक तैयार होता है।

  • शिशु का वजन: 24 सप्ताह के अंत तक शिशु का वजन लगभग 600 से 800 ग्राम के बीच होना चाहिए।
  • लंबाई: इस समय शिशु की लंबाई 30 सेंटीमीटर तक हो सकती है।

3. तीसरे तिमाही (27 से 40 सप्ताह)

तीसरी तिमाही में शिशु का वजन तेजी से बढ़ता है और वह जन्म के लिए तैयार होता है। इस समय शिशु की अधिकांश शारीरिक प्रणाली विकसित हो चुकी होती है।

  • शिशु का वजन: तीसरी तिमाही के अंत में शिशु का आदर्श वजन लगभग 2.5 किलोग्राम से 4 किलोग्राम तक होना चाहिए।
  • लंबाई: इस समय तक शिशु की लंबाई लगभग 48 से 53 सेंटीमीटर हो जाती है।
गर्भावस्था सप्ताहऔसत वजन ग्राम में
8 सप्ताह1 ग्राम
9 सप्ताह2 ग्राम
10 सप्ताह4 ग्राम
11 सप्ताह7 ग्राम
12 सप्ताह14 ग्राम
13 सप्ताह23 ग्राम
14 सप्ताह43 ग्राम
15 सप्ताह70 ग्राम
16 सप्ताह100 ग्राम
17 सप्ताह140 ग्राम
18 सप्ताह190 ग्राम
19 सप्ताह240 ग्राम
20 सप्ताह300 ग्राम
21 सप्ताह360 ग्राम
22 सप्ताह430 ग्राम
23 सप्ताह501 ग्राम
24 सप्ताह600 ग्राम
25 सप्ताह660 ग्राम
26 सप्ताह760 ग्राम
27 सप्ताह875 ग्राम
28 सप्ताह1 कि.ग्राम
29 सप्ताह1.2 कि.ग्राम
30 सप्ताह1.3 कि.ग्राम
31 सप्ताह1.5 कि.ग्राम
32 सप्ताह1.7 कि.ग्राम
33 सप्ताह1.9 कि.ग्राम
34 सप्ताह2.1 कि.ग्राम
35 सप्ताह2.4 कि.ग्राम
36 सप्ताह2.6 कि.ग्राम
37 सप्ताह2.9 कि.ग्राम
38 सप्ताह3.1 कि.ग्राम
39 सप्ताह3.3 कि.ग्राम
40 सप्ताह3.5 कि.ग्राम

शिशु के वजन को प्रभावित करने वाले कारक

शिशु का वजन कई कारकों पर निर्भर करता है, जो माता-पिता और गर्भवती महिला के स्वास्थ्य से जुड़े होते हैं। कुछ प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं:

1. माँ का स्वास्थ्य

माँ के स्वास्थ्य का सीधा प्रभाव शिशु के वजन पर पड़ता है। यदि माँ का स्वास्थ्य ठीक रहता है और वह सही आहार लेती है, तो शिशु का वजन भी सही रहेगा।

2. माँ का पोषण

गर्भावस्था के दौरान सही और संतुलित आहार लेना बेहद जरूरी है। यदि गर्भवती महिला को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता है, तो शिशु का वजन कम हो सकता है।

3. गर्भावस्था की अवधि

गर्भावस्था की अवधि भी शिशु के वजन को प्रभावित करती है। यदि शिशु का जन्म समय से पहले होता है, तो उसका वजन कम हो सकता है।

4. आनुवांशिकी

शिशु का वजन उसके माता-पिता के आनुवांशिकी पर भी निर्भर करता है। अगर परिवार में शिशुओं का वजन कम या ज्यादा होता है, तो शिशु का वजन भी इससे प्रभावित हो सकता है।

5. माँ की जीवनशैली

गर्भावस्था के दौरान माँ की जीवनशैली का भी शिशु के वजन पर असर पड़ता है। सही नींद, नियमित व्यायाम और तनाव मुक्त जीवनशैली शिशु के स्वस्थ वजन को बनाए रखने में मदद करती है।

शिशु के कम वजन के संकेत

यदि शिशु का वजन गर्भावस्था के दौरान कम होता है, तो कुछ सामान्य संकेत हो सकते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख संकेत इस प्रकार हैं:

  • शिशु की हलचल कम होना: शिशु का कम हिलना-डुलना या उसकी गतिविधियाँ कम होना वजन कम होने का संकेत हो सकता है।
  • अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट: गर्भावस्था के दौरान की गई अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट से शिशु के वजन की जानकारी मिलती है।
  • डॉक्टर द्वारा जाँच: नियमित डॉक्टर के दौरे में शिशु का वजन मापा जा सकता है। अगर डॉक्टर को शिशु का वजन कम लगे, तो वे अतिरिक्त जांच करवा सकते हैं।

शिशु के स्वस्थ वजन के लिए टिप्स

  1. संतुलित आहार: गर्भवती महिलाओं को अपने आहार में प्रोटीन, विटामिन, और खनिजों की पर्याप्त मात्रा को शामिल करना चाहिए।
  2. अधिक पानी पिएं: गर्भवती महिलाओं को पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए, जिससे शरीर में तरल की कमी न हो।
  3. नियमित व्यायाम: गर्भावस्था के दौरान हल्का व्यायाम करना शिशु के विकास में मदद करता है।
  4. तनाव से बचें: तनाव का शिशु के वजन पर नकारात्मक असर पड़ सकता है, इसलिए गर्भवती महिला को तनाव से दूर रहना चाहिए।
  5. डॉक्टर की सलाह पर विटामिन और खनिज की खुराक लें: डॉक्टर की सलाह पर आवश्यक विटामिन और खनिज की खुराक लेना फायदेमंद हो सकता है।

WHO के अनुसार, गर्भ में शिशु का आदर्श वजन उसकी गर्भावस्था की अवधि और शारीरिक विकास पर निर्भर करता है। गर्भवती महिला को अपने शिशु के वजन पर ध्यान देना चाहिए और सही आहार, जीवनशैली, और डॉक्टर की सलाह का पालन करना चाहिए। शिशु का स्वस्थ वजन गर्भावस्था की सही देखभाल और पोषण पर आधारित होता है।